”कोयले में से हिरा निकलना” हमारा काम है – दबंग दिल्ली फिजियो रसेल पिंटो

अनिल भोईर / राजेश्वर खंतवाल

प्रो कबड्डी सीजन 7 अंतिम चरन पर आ पहुँचा है। दबंग दिल्ली, बंगाल वारियर्स, यु-मुम्बा और बेंगलुरू बुल्स इन चार टिमो ने सेमिफाइनल मे प्रवेश किया है।

सीजन 7 मे दबंग दिल्ली के खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा खेल दिखाया है । सभी खिलाड़ी तंदुरूस्त थे। नवीन कुमार कि कारीगरी तो उल्लेखनीय रही। लेकिन इन सब खिलाड़ियों के फिटनेस के पीछे इनके फिजियो का महत्व पूर्ण स्थान रहा। राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के फिजियो रह चुके रसेल पिंटो ये प्रो कबड्डी मे दबंग दिल्ली से जुडे हुए हैं। सीजन 7 मे बहुत कम खिलाड़ियों को चोट पहूंची। पक्का इस का कारण क्या था और दबंग दिल्ली के खिलाड़ियों की फिटनेस के बारे मे दबंग दिल्ली के फिजियो रसेल पिंटो इन्होने खेल कबड्डी के साथ खास बात चीत की।

प्रो कबड्डी शुरू होने के पहले खिलाडियो की किस प्रकार तयारी ली जाती है।

खिलाडियो के तयारी के लिए एक प्रक्रिया बनाई गई है। उस प्रकार तयारी ली जाती है। प्रो कबड्डी नीलामी के बाद खिलाड़ियों कि लिस्ट हमारे पास आती है। हर खिलाड़ी को कॉल कर के उनके फिटनेस के बारे मे जानकारी ली जाती है। किसी खिलाडी को कोई चोट वगैरे है तो उन्हें एक प्रोग्राम दिया जाता है उन्हें वह फालो करना पडता है।

कैम्प शुरू होने से पहले। हर खिलाड़ी को एक फिटनेस प्लान दिया जाता है । कैम्प शुरू होने से पहले फिटनेस टेस्ट ली जाती हैं उस वजह से हमे सभी खिलाड़ियों कि कमी, उनके चोट के विषय मे जानकारी मिलती है। इस वजह से उनकी कमियो को निकालने में मदत मिलती है। खिलाड़ियों के स्पीड, स्ट्रैंथ , स्टेबिलिटि इस पर अभ्यास किया जाता है। हर खिलाड़ी को प्री सीजन प्रोग्राम दिया जाता है । जिससे उनकि फिटनेस एक सी हो।

नवीन कुमार ने इस सीजन मे उल्लेखनीय कारीगरी कि है नवीन जैसे खिलाड़ियों के लिए कुछ अलग तयारी कि है।

नवीन कुमार कि शुरुआत से ही अलग प्रकार से तयारी ली गई थी। लेकिन पोजिशन के अनुसार हर रैडर कि तयारी ली गई है । सिर्फ नवीन के लिए कुछ विशेष ऐसा कुछ नहीं है । हर खिलाड़ी कि तरह नवीन का भी प्रोग्राम तैयार किया गया था। नवीन तेज गती से और फुरती से रेड करनेवाला खिलाड़ी है। उस वजह से उसका स्पीड मेनटेन रखना जैसे ‘कोयले में से हिरा निकलना’ इस प्रकार काम शुरू रहता है बाकि उसके खेल पर कोच काम करते हैं।

जोगिंदर और रविंदर दो अनुभवी खिलाड़ी टिम मे है वे दोनो भी उतने ही फिट है इस बारे मे क्या कहेंगे?

इस बारे में कहने गए तो यहां ‘स्पोर्ट्स सायन्स’ के बारे में थोडा जान लेना जरूरी है। युवा खिलाडि जैसे कि नवीन कुमार को हम हर प्रकार कि ट्रेनिंग देते हैं। उसकि स्पीड वगैरे इसपर ध्यान देने के लिए कहा जाता है। लेकिन आयु से तीस पार हुए खिलाड़ियों को फिटनेस और खेल के बारे मे बहुत जानकारी रहती है, इस वक्त फिजियो सिर्फ प्रोटेक्टर रोलर कि भुमिका निभाते है।

उन खिलाड़ियों पर कितना लोड है उनका शरीर कितना साथ दे रहा है इसपर हम उन्हें मार्गदर्शन करते हैं । ज्यादातर सभी प्रशिक्षक का प्रशिक्षण मे ज्यादा विश्वास रहता है। लेकिन हमारे प्रशिक्षक स्पोर्ट्स सायन्स पर भी उतना ही विश्वास रखते हैं। अगर किसी खिलाडी को लग रहा हो कि वह अनफिट है तो हम प्रशिक्षक को कहते है कि इस खिलाड़ी को विश्रांति दे। ऐसे खिलाडियो को स्टरेन्थ अंड कंडिशनिंग प्रशिक्षक के पास भेजते है।आपके करिअर के बारे मे क्या कहेंगे?

मै एक फिजियो हुं। फुटबाल खेल से शुरूआत कि है। 2012 से फुटबाल खेल से शुरूआत कि है । भारत के राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का भी फिजियो रह चुका हूँ। 2017 मे 17 आयु के अंदर का फिफा वर्ल्ड कप मे भारतीय राष्ट्रीय टीम का फिजियो रह चुका हूँ। आज के दिन मे भारत का एकमात्र फिजियो जिसने फिफा में काम किया है। कबड्डी मे प्रो कबड्डी सीजन 2 से जुडा। पिछले 2 वर्ष से दबंग दिल्ली टीम के साथ नहीं था क्योंकि फिफा वर्ल्ड कप के लिए गया हुआ था । जब सीजन 2 मे कबड्डी में फिजियो वगैरे का विचार नहीं किया जाता था। तब दबंग दिल्ली और जयपुर पिंक पैंथर ने यह काम करने का शुरू किया।

दबंग दिल्ली के अलावा कोनसी टीम फिट लग रही है ?

सीजन 7 मे दबंग दिल्ली भलेही फिट टीम है, लेकिन मै बाकि टिमो के बारे मे कुछ कह नही सकता, क्योंकि उस बारे मे जानकारी नही। लेकिन सीजन 7 मे सभी टिमो ने ‘स्पोर्ट्स सायन्स’ का प्रयोग किया है। उस वजह से चोट बहत कम लगी है । जो थोडा बहुत हुई है वह सब कान्टेक्ट इंजुरी है। उसमे ज्त्रादा कुछ कर नहीं सकते। लेकिन कबड्डी मे ‘स्पोर्ट्स सायन्स’ का उपयोग हो रहा है। यह बहुत अच्छी बात है ।इस वजह से खेल पक्का जगभर मे पहूंचेगा।